आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तारीख बढ़ी जाने क्या रहेगी नई डेट , क्या होगा इसका प्रभाव
करदाताओं को आराम देने के लिए ITR Tax Filling Date को आगे बढ़ा दिया गया है। इससे जहां एक तरफ उन्हें राहत मिलेगी वह दूसरी तरफ टैक्स भर ने के समय होने वाली गलतियों से भी बचाव हो सकेगा।

आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तारीख बढ़ी जाने क्या रहेगी नई डेट , क्या होगा इसका प्रभाव
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 2025 के लिए आयकर रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने की आधिकारिक घोषणा की है। यह घोषणा टैक्सपेयर्स को राहत देने और तकनीकी बदलावों के बीच बेहतर तैयारी का समय देने के लिए की गई है। ITR Tax Filling Date से जुड़ी सभी जानकारी आपको इस आर्टिकल में देंगे।
क्या है कारण
इस डेट को आगे बढ़ाने के कई सारे कारण हो सकते हैं इसमें नई तिथि से पहले टैक्सपेयर्स को अपने दस्तावेज इक्ट्ठा करने, डिजिटल सिस्टम में बदलाव को समझने के लिए और भी एक्स्ट्रा टाइम दिया गया है।
• इसके अलावा किसी भी तरह की कोई भी गलती की है बिना अच्छे से समय लेकर रिटर्न भर सके। इससे टैक्स रिटर्न की गुणवत्ता बेहतर होती है और कम गलतियां होती हैं।
टैक्सपेयर्स के लिए नई तिथियां
CBDT ने इसकी डेट को आगे बढ़ा दिया है अगर इसकी नई डेट की बात करें तो आपको बता दें कि आयकर रिटर्न सामान्य टैक्सपेयर्स के लिए 15 सितंबर 2025 तक फाइल करना अनिवार्य हो गया है। इसमें वे लोग शामिल हैं जो केवल वेतन या निवेश से आय प्राप्त करते हैं।
ऑडिट कराए जाने वाले करदाताओं हेतु
ऑडिट करवाने वाले व्यवसायियों और फर्मों के लिए ITR Tax Filling Date की बात करें तो यह 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी गई है। यह समय उनके लिए खासतौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें वित्तीय उत्तर का एनालिसिस करना होता है इसके लिए उन्हें थोड़ा टाइम चाहिए होता है।
अंतरराष्ट्रीय और विशिष्ट लेनदेन हेतु
अंतरराष्ट्रीय और विशिष्ट लेनदेन वाले जो भी करदाता है उनके लिए भी एक नई डेट घोषित की गई है। अंतरराष्ट्रीय लेनदेन वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 30 नवंबर 2025 निर्धारित की गई है जिससे उन्हें अतिरिक्त समय मिल सके।
विलंब शुल्क और ब्याज की सूचना
यह डेट इसलिए आगे बढ़ाई गई है ताकि आप समय पर अपना टैक्स भर सके आपको किसी तरह की कोई परेशानी का सामना न करना हो।
• इस में समय पर आईटीआर फाइल नहीं करने पर करदाताओं को विलंब शुल्क भरना पड़ता है जो 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक हो सकता है। इसके अलावा देरी से टैक्स भुगतान पर ब्याज भी लगता है।
रिटर्न फाइलिंग में देरी के नुकसान
अगर आप समय पर टैक्स नहीं बढ़ते हैं तो इसके नुकसान काफी ज्यादा होते हैं जिसके वजह से आपको काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे विलंब से फाइलिंग करने पर कड़ा जुर्माना, रिफंड में देरी, और भविष्य में टैक्स संबंधी प्रॉब्लम और भी बढ़ सकती है इसलिए अब आपको एक्स्ट्रा टाइम मिलजाएगा।
ऑनलाइन फाइलिंग में सुधार
CBDT ने ऑनलाइन आईटीआर फाइलिंग प्लेटफॉर्म में कई सुधार किए हैं जिससे फाइलिंग प्रक्रिया और अधिक सरल, तेज और सुरक्षित हो गई है।
नए नियमों के बाद बदलाव
नए नियमों को लागू करने के बाद आपको काफी सारे बदलाव देखने को मिलेंगे इस से करदाताओं पर काफी अच्छा असर पड़ेगा इससे उन्हें थोड़ा एक्स्ट्रा टाइम मिल जाएगा और अगर उन्हें किसी तरह का कोई सुधार करना है तो उसके लिए भी उन्हें एक्स्ट्रा टाइम मिल जाएगा उन्हें किसी तरह की कोई प्रॉब्लम का सामना नहीं करना पड़ेगा।
अगर आपको ITR Tax Filling Date से जुड़ी यह जानकारी अच्छी लगी है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें इसके साथ ही अगर आपका कोई प्रश्न या सुझाव है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।