क्या बदलेंगे राजनीतिक समीकरण? फडणवीस-उद्धव की मुलाकात से अटकलें तेज
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच गुरुवार को बंद कमरे में बैठक हुई, जिसने सियासी हलचल को और तेज कर दिया है। यह बैठक विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कक्ष में हुई और करीब आधे घंटे तक चली।

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच गुरुवार को बंद कमरे में बैठक हुई, जिसने सियासी हलचल को और तेज कर दिया है। यह बैठक विधान परिषद के सभापति राम शिंदे के कक्ष में हुई और करीब आधे घंटे तक चली। इस दौरान उद्धव ठाकरे के बेटे और विधायक आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे।
आज विधानभवन येथे पक्षप्रमुख मा. श्री. उद्धवसाहेब ठाकरे ह्यांनी राज्यभरातील विविध संपादकांनी हिंदीसक्तीविरोधात लिहिलेल्या लेखांचे संकलित ‘हिंदी हवी कशाला?’ पुस्तक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि सभापती राम शिंदे ह्यांना भेट दिले. ह्यावेळी युवासेनाप्रमुख शिवसेना नेते आमदार आदित्य… pic.twitter.com/JFUCetP3bN — ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) July 17, 2025
क्या सत्ता में फिर होगी पुरानी दोस्ती की वापसी?
इस मुलाकात ने कयासों को हवा दे दी है कि महाराष्ट्र में एक बार फिर राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद, तीन-भाषा नीति और आगामी चुनावों को लेकर चर्चा हुई। इससे पहले बुधवार को विधान परिषद में मुख्यमंत्री फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को व्यंग्य में सत्ता पक्ष में शामिल होने का न्यौता दिया था।
उद्धव ठाकरे और फडणवीस के पुराने रिश्तों पर एक नजर
2019 में मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। लेकिन बाद में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना का बड़ा हिस्सा तोड़ते हुए बीजेपी के साथ गठबंधन किया। वर्तमान में एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री हैं।
राज ठाकरे के साथ गठबंधन का असर
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब उद्धव ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से हाथ मिला लिया है। दोनों भाई 5 जुलाई को मुंबई में बड़ी रैली कर चुके हैं और आगामी नगर निगम व विधानसभा चुनावों में साथ उतरने के संकेत दे चुके हैं। ऐसे में बीजेपी की तरफ से उद्धव ठाकरे को दिया गया प्रस्ताव कई मायनों में अहम हो जाता है।
शिंदे गुट की चुप्पी, लेकिन नजर बनी हुई है
इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से कोई बयान नहीं आया है। हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वे स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल संभव है।