अनियमित पीरियड्स को न करें नजरअंदाज: पीसीओएस हो सकता है इसके पीछे की वजह
मासिक धर्म यानी पीरियड्स केवल एक शारीरिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह महिलाओं के हार्मोनल स्वास्थ्य की स्थिति का सूचक है। विशेषज्ञों का कहना है कि पीरियड्स की नियमितता में किसी भी प्रकार का बदलाव शरीर के भीतर चल रही गड़बड़ियों की ओर इशारा कर सकता है।

नई दिल्ली। मासिक धर्म यानी पीरियड्स केवल एक शारीरिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह महिलाओं के हार्मोनल स्वास्थ्य की स्थिति का सूचक है। विशेषज्ञों का कहना है कि पीरियड्स की नियमितता में किसी भी प्रकार का बदलाव शरीर के भीतर चल रही गड़बड़ियों की ओर इशारा कर सकता है। खासकर अनियमित पीरियड्स को लेकर लापरवाही बरतना महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि यह पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का प्रमुख संकेत हो सकता है।
हार्मोनल गड़बड़ी का पहला लक्षण: देर से या बंद पीरियड्स
गायनाकोलॉजिस्ट के अनुसार, अगर किसी महिला को समय पर पीरियड्स नहीं आते या लंबे अंतराल तक बंद हो जाते हैं, तो यह स्थिति सामान्य नहीं कही जा सकती। यह आमतौर पर तब होता है जब शरीर में एंड्रोजन हार्मोन का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है या इंसुलिन रेजिस्टेंस हो जाता है, जिससे ओव्यूलेशन प्रभावित होता है।
ज्यादा ब्लीडिंग को न समझें सामान्य
पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव — जैसे हर घंटे पैड बदलना या खून के थक्कों का आना — एक गंभीर हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक, पीसीओएस के कारण गर्भाशय की परत मोटी हो जाती है, जिससे अधिक रक्तस्राव होता है।
तेज दर्द हो सकता है संकेत किसी बड़ी समस्या का
पीरियड्स के दौरान हल्का दर्द सामान्य है, लेकिन लगातार तेज दर्द ओवरी में सूजन या अन्य गाइनोकॉलॉजिकल समस्याओं की ओर संकेत करता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि ऐसे मामलों में तुरंत चिकित्सकीय जांच करानी चाहिए।
लंबे चक्र और ओव्यूलेशन की समस्या
स्वस्थ पीरियड साइकिल 21 से 35 दिनों के बीच होता है। यदि चक्र अनियमित हो या कई महीनों तक न आए, तो यह दर्शाता है कि ओव्यूलेशन नहीं हो रहा है। पीसीओएस की यही सबसे बड़ी चुनौती है — यह सीधे तौर पर महिला की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है।
मुंहासे, अनचाहे बाल और बाल झड़ना भी हैं संकेत
चेहरे पर मुंहासे, ठुड्डी या ऊपरी होंठ पर बाल आना और सिर से बालों का झड़ना, शरीर में एंड्रोजन की अधिकता का परिणाम हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह भी पीसीओएस के अहम लक्षणों में गिना जाता है।
पीसीओएस की स्थिति में क्या करें?
देश में हर पांच में से एक महिला पीसीओएस से जूझ रही है। तेजी से बदलती जीवनशैली, अनहेल्दी खानपान और तनाव इस स्थिति को और बढ़ा रहे हैं। डॉक्टर्स के अनुसार, इसका समाधान जीवनशैली में सुधार है:
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प्रोसेस्ड और मीठे खाद्य पदार्थों से दूरी रखें
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लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजें अपनाएं
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नियमित रूप से व्यायाम करें (30-45 मिनट प्रतिदिन)
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पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन जरूरी
विशेषज्ञों की राय:
“महिलाओं को अपने पीरियड्स को हेल्थ रिपोर्ट की तरह देखना चाहिए। किसी भी असामान्यता को हल्के में न लें,” — डॉ. अनिता वर्मा, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, एम्स।
पीसीओएस एक गंभीर लेकिन नियंत्रण योग्य स्थिति है। ज़रूरत है समय रहते इसके संकेतों को पहचानने की और उचित इलाज कराने की। अनियमित पीरियड्स केवल एक असुविधा नहीं, बल्कि आपके शरीर की चेतावनी भी हो सकती है।