Rajasthan : गैर सिविल सेवा (Non-SCS) अधिकारियों की IAS में प्रमोशन का रास्ता साफ, RAS अधिकारियों को झटका

राजस्थान में IAS प्रमोशन का लंबे समय से अटका हुआ मामला अब सुलझ गया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर-RAS अधिकारियों के IAS में प्रमोशन पर लगी रोक हटा दी है। इसके साथ ही, कोर्ट ने RAS एसोसिएशन पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है, इसे कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए व्यक्तिगत हितों की याचिका बताया गया है।

Dec 6, 2024 - 07:41
Rajasthan : गैर सिविल सेवा (Non-SCS) अधिकारियों की IAS में प्रमोशन का रास्ता साफ, RAS अधिकारियों को झटका
Rajasthan : गैर सिविल सेवा (Non-SCS) अधिकारियों की IAS में प्रमोशन का रास्ता साफ, RAS अधिकारियों को झटका

जयपुर: राजस्थान में IAS प्रमोशन का लंबे समय से अटका हुआ मामला अब सुलझ गया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने गैर-RAS अधिकारियों के IAS में प्रमोशन पर लगी रोक हटा दी है। इसके साथ ही, कोर्ट ने RAS एसोसिएशन पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है, इसे कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए व्यक्तिगत हितों की याचिका बताया गया है।

राजस्थान IAS प्रमोशन: हाईकोर्ट का अहम फैसला

IAS प्रमोशन पर लगी रोक हटी
पिछले तीन वर्षों से राजस्थान में IAS प्रमोशन का मामला राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित था। यह मामला RAS एसोसिएशन द्वारा 2023 में दायर एक याचिका के कारण रुका हुआ था। अब इस याचिका को खारिज करते हुए, हाईकोर्ट ने प्रमोशन पर लगी रोक हटा दी है।

RAS एसोसिएशन की याचिका पर कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट का RAS एसोसिएशन पर सख्त रुख
न्यायाधीश पंकज भंडारी और शुभा मेहता की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए RAS एसोसिएशन की याचिका को केवल व्यक्तिगत हितों के लिए बताया। कोर्ट ने कहा कि यह याचिका प्रमोशन के अवसर कम होने की आशंका के आधार पर लगाई गई थी, जो नियमों और तर्कों के खिलाफ है।

IAS में प्रमोशन के नियम क्या कहते हैं?

गैर-RAS अधिकारियों के लिए प्रमोशन का कोटा
अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह के अनुसार, नियमों के तहत सरकार 15% पदों पर गैर-RAS अधिकारियों को IAS में प्रमोट कर सकती है। बाकी पद RAS अधिकारियों के लिए आरक्षित रहते हैं।

इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (रिक्रूटमेंट) नियम 1954
1954 के नियमों के अनुसार, राज्य सरकार के पास यह अधिकार है कि वह विशेष परिस्थितियों में नॉन-सिविल सर्विसेज के अधिकारियों को IAS में प्रमोट करने की सिफारिश करे। लेकिन इसके लिए अधिकारी की योग्यता विशिष्ट होनी चाहिए।

RAS एसोसिएशन की आपत्ति क्या थी?

RAS एसोसिएशन का दावा था कि गैर-RAS अधिकारियों को प्रमोट करने से उनके प्रमोशन के अवसर कम हो सकते हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि सभी सिफारिशें नियमों के तहत ही की गई हैं।

हाईकोर्ट के फैसले का प्रभाव

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब राज्य में IAS प्रमोशन प्रक्रिया में तेजी आएगी। गैर-RAS अधिकारियों का प्रमोशन भी सुचारू रूप से हो सकेगा। यह फैसला राज्य में प्रशासनिक कार्यों को मजबूत बनाने में मदद करेगा।

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