बिहार को पहली न्यूक्लियर पावर प्लांट की सौगात, ऊर्जा क्षेत्र में नया अध्याय

बिहार की ऊर्जा जरुरतों को लेकर केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य में पहली बार न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि यह प्लांट अत्याधुनिक Small Modular Reactor (SMR) तकनीक पर आधारित होगा

Jun 26, 2025 - 07:00
बिहार को पहली न्यूक्लियर पावर प्लांट की सौगात, ऊर्जा क्षेत्र में नया अध्याय
बिहार को पहली न्यूक्लियर पावर प्लांट की सौगात, ऊर्जा क्षेत्र में नया अध्याय

नई दिल्ली/पटना – बिहार की ऊर्जा जरुरतों को लेकर केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य में पहली बार न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि यह प्लांट अत्याधुनिक Small Modular Reactor (SMR) तकनीक पर आधारित होगा, जो न केवल सुरक्षित बल्कि कम लागत में बिजली उत्पादन की नई राह खोलेगा।

SMR टेक्नोलॉजी से जुड़ेगी बिहार की नई पहचान

यह परमाणु संयंत्र केंद्र की न्यूक्लियर एनर्जी मिशन योजना के तहत विकसित किया जाएगा, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई थी। इस योजना का उद्देश्य हर राज्य में कम से कम एक न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करना है। खट्टर ने कहा, "बिहार सरकार की मांग पर केंद्र पूरी मदद को तैयार है। यह कदम राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।"

बैटरी स्टोरेज योजना से ग्रीन एनर्जी को बल

परमाणु ऊर्जा के साथ-साथ केंद्र ने बिहार में 1,000 मेगावॉट की बैटरी स्टोरेज परियोजना को भी मंजूरी दी है। इससे ग्रिड की स्थिरता बढ़ेगी और सौर एवं पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से बिजली का बेहतर उपयोग संभव होगा। केंद्र प्रति मेगावॉट 18 लाख रुपये की सहायता भी देगा।

बिजली क्षेत्र में सुधारों की सराहना

बिहार में अब तक 80 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जिससे तकनीकी हानियों में भारी गिरावट आई है। केंद्र ने इन सुधारों की सराहना करते हुए राज्य को आगामी छह महीनों के लिए 500 मेगावॉट अतिरिक्त बिजली देने का निर्णय भी लिया है। इससे राज्य में औद्योगिक विकास को बल मिलेगा।

2035 तक का विज़न: न्यूक्लियर से लेकर सोलर तक

बैठक में बिहार सहित पूर्वी भारत के राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों ने भाग लिया, जहां भारत की ऊर्जा नीति 2035 का विज़न साझा किया गया। इसमें थर्मल, सोलर, विंड, स्टोरेज और न्यूक्लियर को सामंजस्यपूर्ण रूप से शामिल किया गया है।

नया प्लांट, नई उम्मीदें

विशेषज्ञों का मानना है कि यह न्यूक्लियर पावर प्लांट बिहार की ऊर्जा स्थिति को न सिर्फ स्थायी बनाएगा बल्कि रोजगार, निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास का रास्ता भी खोलेगा। संयंत्र के पूर्ण संचालन से बिहार आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ेगा और राष्ट्रीय ऊर्जा मानचित्र पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1 . बिहार में न्यूक्लियर प्लांट कहां लगाया जाएगा?

उत्तर : सटीक स्थान की घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन यह प्लांट SMR तकनीक पर आधारित होगा और राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी करेगा।

Q2 . SMR तकनीक क्या होती है?

उत्तर : SMR यानी Small Modular Reactor, एक नई प्रकार की परमाणु तकनीक है जो सुरक्षित, किफायती और छोटे स्केल पर तेज़ी से स्थापित की जा सकती है।

Q3 . इस परियोजना से बिहार को क्या लाभ होगा?

उत्तर : यह परियोजना राज्य में बिजली संकट दूर करने, रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास में मददगार होगी।

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