AI-171 विमान हादसा: 33 सेकेंड में तबाही, जांच एजेंसियों की नजर ब्लैक बॉक्स पर
एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से देशभर में शोक और स्तब्धता का माहौल है। गुरुवार को टेकऑफ के महज 33 सेकेंड बाद बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। इस हादसे में अब तक 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से जीवित बचा है।

अहमदाबाद। एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से देशभर में शोक और स्तब्धता का माहौल है। गुरुवार को टेकऑफ के महज 33 सेकेंड बाद बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। इस हादसे में अब तक 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि एक यात्री चमत्कारिक रूप से जीवित बचा है।
तकनीकी गड़बड़ी की आशंका, जांच में जुटी कई एजेंसियां
हादसे के कारणों का फिलहाल आधिकारिक रूप से पता नहीं चल पाया है। शुक्रवार को एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने मलबे की जांच शुरू की। अधिकारियों के अनुसार, फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स का हिस्सा) हॉस्टल की छत से बरामद किया गया है। इसकी जांच से दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता चल सकता है।
जांच में बोइंग कंपनी, अमेरिकी ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और भारत की DGCA की टीमें शामिल हैं। विमान के दो ‘जनरल इलेक्ट्रिक जेनएक्स’ इंजन के हिस्से अमेरिका भेजे जा रहे हैं।
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प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान के उड़ान भरते समय उसका लैंडिंग गियर खुला रह गया था, जिसे सामान्य स्थिति नहीं मानी जाती। हादसे के बाद चारों ओर काले धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया और विमान के टुकड़े 200 मीटर के दायरे में फैल गए। हादसे की जगह पर 8 से अधिक इमारतों को नुकसान पहुंचा है।
DGCA के निर्देश और संभावित कारण
DGCA ने एयर इंडिया को छह अहम प्रणालियों की विस्तृत जांच का निर्देश दिया है, जिनमें ईंधन प्रणाली, इंजन नियंत्रण, हाइड्रोलिक सिस्टम और टेकऑफ सेटिंग्स शामिल हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि संभावित कारणों में शामिल हो सकते हैं:
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तकनीकी खराबी (फ्लैप या इंजन में),
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पायलट त्रुटि (गलत डेटा फीड करना),
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फ्लैप सेटिंग की विफलता,
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थ्रस्ट की कमी।
मलबा बना सबूत, ब्लैक बॉक्स से मिलेगी अहम जानकारी
हादसे की जगह से लोगों को हटा दिया गया है। वहां मौजूद मलबे की सुरक्षा और निगरानी AAIB, बोइंग और पुलिस बल द्वारा की जा रही है। जांचकर्ताओं का मानना है कि यदि ब्लैक बॉक्स सही स्थिति में मिला, तो अगले 7-10 दिनों में प्रारंभिक निष्कर्ष सामने आ सकते हैं।
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टाटा और बोइंग की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया की मालिक कंपनी टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इसे "टाटा के इतिहास का सबसे काला दिन" बताया। वहीं, बोइंग के CEO केली ऑर्टबर्ग ने जांच में पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाते हुए पेरिस एयर शो का दौरा रद्द कर दिया है।
एयर इंडिया के इस हादसे ने देश की विमानन सुरक्षा और तकनीकी निगरानी प्रणालियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच एजेंसियों पर अब यह जिम्मेदारी है कि जल्द से जल्द निष्पक्ष और सटीक रिपोर्ट पेश कर सकें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
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