पिपरा कोठी में किसान सम्मेलन: शिवराज सिंह चौहान बोले – आधुनिक खेती से ही बढ़ेगी किसानों की आय
पूर्वी चंपारण के पिपरा कोठी में आयोजित किसान सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से संवाद किया। तुरकौलिया के किसान विजय यादव ने बताया कि शिमला मिर्च की खेती से उन्हें 6 लाख का मुनाफा हुआ है। मंत्री ने लीची और पपीता की खेती को लेकर भी किसानों से जानकारी ली और भंडारण की समस्याओं पर समाधान का आश्वासन दिया।

बिहार: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्वी चंपारण के पिपरा कोठी में आयोजित किसान उन्नति सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों से सीधा संवाद कर खेती की आधुनिक तकनीकों और समस्याओं के बारे में जानकारी ली। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
शिमला मिर्च की खेती से किसान को हुआ 6 लाख का लाभ
सम्मेलन में तुरकौलिया से आए किसान विजय यादव ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उन्होंने कम लागत में शिमला मिर्च की खेती कर अब तक 6 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है। इस पर शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि ऐसे किसान देश के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने अन्य किसानों से भी कहा कि वे परंपरागत खेती के साथ-साथ उन्नत फसल विकल्पों को अपनाएं।
लीची किसानों को भंडारण की कमी से जूझना पड़ रहा
विजय यादव के बाद लीची की खेती करने वाले एक किसान ने मंत्री को बताया कि लीची एक लाभकारी फसल बनती जा रही है, जिससे हर वर्ष लाखों की कमाई होती है। लेकिन भंडारण और संरक्षण की सुविधाओं की कमी के कारण किसान आर्थिक नुकसान झेलते हैं। मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस दिशा में सरकार स्टोरेज यूनिट्स और कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देगी।
पपीता की खेती भी बना रही किसानों की आमदनी का जरिया
कृषि मंत्री ने पपीता की खेती करने वाले एक अन्य किसान से भी बातचीत की। किसान ने बताया कि पपीता की खेती से भी अच्छी आमदनी हो रही है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं से फसल को नुकसान पहुंचता है। इस पर मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार फसल बीमा योजना को और मजबूत करेगी ताकि प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान को कम किया जा सके।
किसानों के लिए सरकार कर रही काम: शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए लगातार नई योजनाएं और तकनीक ला रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे आधुनिक खेती और नवाचार को अपनाएं ताकि खेती को व्यवसाय का रूप दिया जा सके।