छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्रांति: 3 लाख करोड़ के निवेश से बनेगी अपार ऊर्जा

छत्तीसगढ़ अब ऊर्जा क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में आयोजित ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में अदानी, जिंदल, एनटीपीसी जैसी कई बड़ी कंपनियों ने 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का ऐलान किया है। इस निवेश से राज्य में थर्मल, न्यूक्लियर, सौर और पंप्ड स्टोरेज जैसे विभिन्न प्रकार के पावर प्लांट स्थापित होंगे, जो छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएंगे।

Mar 11, 2025 - 07:28
छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्रांति: 3 लाख करोड़ के निवेश से बनेगी अपार ऊर्जा
छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्रांति: 3 लाख करोड़ के निवेश से बनेगी अपार ऊर्जा

रायपुर : छत्तीसगढ़ अब ऊर्जा क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में आयोजित ‘छत्तीसगढ़ एनर्जी इंवेस्टर्स समिट’ में अदानी, जिंदल, एनटीपीसी जैसी कई बड़ी कंपनियों ने 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का ऐलान किया है। इस निवेश से राज्य में थर्मल, न्यूक्लियर, सौर और पंप्ड स्टोरेज जैसे विभिन्न प्रकार के पावर प्लांट स्थापित होंगे, जो छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएंगे।

थर्मल और न्यूक्लियर पावर में बड़ा निवेश

थर्मल पावर क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रस्ताव मिला है। अदानी पावर ने कोरबा, रायगढ़ और रायपुर में 1600-1600 मेगावाट के तीन थर्मल पावर प्लांट लगाने की योजना बनाई है, जिस पर 66,720 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, जिंदल पावर ने रायगढ़ में 1600 मेगावाट क्षमता के प्लांट के लिए 12,800 करोड़ रुपये निवेश करने का ऐलान किया है।

परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में एनटीपीसी ने 80,000 करोड़ रुपये की लागत से 4200 मेगावाट क्षमता का न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है। यह छत्तीसगढ़ में परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन की दिशा में पहला बड़ा कदम होगा।

सौर ऊर्जा और पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ को बड़ी सफलता मिली है। जिंदल पावर और एनटीपीसी ग्रीन मिलकर 10,000 करोड़ रुपये खर्च कर 2500 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन करेंगे। इसमें डोलेसरा में 500 मेगावाट और रायगढ़ में 2000 मेगावाट के सौर प्लांट शामिल होंगे।

इसके अलावा, 57,046 करोड़ रुपये की लागत से 8700 मेगावाट क्षमता के पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे। इसमें एसजेएन कोटपाली में 1800 मेगावाट और जिंदल रिन्यूएबल द्वारा 3000 मेगावाट के प्रोजेक्ट शामिल हैं।

किसानों के लिए खुशखबरी

पीएम कुसुम योजना के तहत 4100 करोड़ रुपये की लागत से 675 मेगावाट सौर बिजली का उत्पादन किया जाएगा और 20,000 सोलर पंप लगाए जाएंगे। इससे किसानों को सिंचाई के लिए सस्ती बिजली मिलेगी और डीजल पंपों की जरूरत कम होगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह निवेश छत्तीसगढ़ की बिजली उत्पादन क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ न केवल ऊर्जा में आत्मनिर्भर बने, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऊर्जा हब के रूप में स्थापित हो।"

प्रमुख निवेश और योजनाएं

1. परमाणु ऊर्जा: साफ और कुशल ऊर्जा उत्पादन के लिए ₹80,000 करोड़ का निवेश।
2. ताप विद्युत: राज्य की ताप विद्युत क्षमता को मजबूत करने के लिए ₹1,07,840 करोड़।
3. सौर ऊर्जा: सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार के लिए ₹10,000 करोड़।
4. पीएम कुसुम योजना: किसानों के बीच सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए ₹4,100 करोड़।
5. पंप्ड स्टोरेज परियोजनाएं (PSP): ग्रिड स्थिरता के लिए ऊर्जा भंडारण में ₹57,046 करोड़।
6. क्रेडा सौर पहल: सौर ऊर्जा विस्तार के लिए ₹3,200 करोड़।
7. पीएम सूर्य योजना: राष्ट्रीय सौर छत परियोजना के तहत ₹6,000 करोड़।
8. सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा: सरकारी इमारतों में सौर ऊर्जा अपनाने के लिए ₹2,500 करोड़।
9. बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS): ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए ₹2,600 करोड़।
10. पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क: बिजली पारेषण नेटवर्क को उन्नत करने के लिए ₹17,000 करोड़।
11. RDSS (वितरण क्षेत्र योजना): वितरण बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए ₹10,800 करोड़।

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