अमेरिका ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया

अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन TRF को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। यह फैसला 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया गया जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। जानिए पूरी खबर फैक्ट-चेक के साथ।

Jul 18, 2025 - 10:09
अमेरिका ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया
अमेरिका ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ (Foreign Terrorist Organization-FTO) और ‘स्पेशली डेजिग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट’ (SDGT) घोषित कर दिया है। यह घोषणा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने की, जिन्होंने स्पष्ट किया कि TRF को यह दर्जा देना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति और पहलगाम अटैक के पीड़ितों के लिए न्याय का प्रतीक है।

ट्रैजेडी: 22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम हमला

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को पांच हथियारबंद आतंकियों ने हमला कर 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
आतंकी स्नातकों ने तय पहचान के तहत पर्यटन पर आए हिंदू यात्रियों सहित अन्य धर्म के लोगों की हत्या की।
घटनास्थल पर आतंकियों ने महिला पर्यटकों को धमकी दी थी—‘जाकर मोदी को बता देना’।
यह हमला 2008 मुंबई हमले के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक आतंकी हमला था।

TRF: लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी

TRF लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही एक मुखौटा संगठन है, जो 2019 से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता रहा है।
पहलगाम हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली थी। इससे पहले भी वह कई सुरक्षाबल हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है।

अमेरिकी कार्रवाई: आतंक का समर्थन करने वालों पर शिकंजा

अमेरिका ने TRF को FTO और SDGT घोषित करते हुए कहा:
“यह फैसला आतंक के खिलाफ हमारी प्रतिबद्धता और पहलगाम अटैक के दोषियों को न्याय दिलाने का प्रमाण है।”
मार्को रुबियो, अमेरिकी विदेश मंत्री
कानूनी आधार: इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी ऐक्ट और एक्जीक्यूटिव ऑर्डर 13224 के तहत TRF की FTO सूची में शामिल किया गया।
TRF व उससे जुड़े लोगों की अमेरिका में संपत्ति जब्त हो सकेगी और कठोर प्रतिबंध लागू होंगे।
लश्कर-ए-तैयबा की FTO की स्थिति भी यथावत रखी गई है।
भारत की प्रतिक्रिया और ऑपरेशन सिंदूर
भारत सरकार ने अमेरिकी फैसले का स्वागत किया और इसे इंडिया-यूएस वैश्विक साझेदारी का उदाहरण माना।
पहलगाम अटैक के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया।

ऑपरेशन सिंदूर

भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्युपाइड कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को विध्वंसित किया।
जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
पाकिस्तान ने पलटवार की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने उसे असफल कर दिया।
इसका अंत 10 मई को दोनों देशों के बीच सीजफायर के साथ हुआ।

अंतरराष्ट्रीय प्रभाव और भारत-अमेरिका सहयोग


भारत ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की मजबूती का संकेत है। TRF को आतंकवादी समूह का दर्जा देना वैश्विक मंच पर आतंक के खिलाफ एकजुटता दिखाता है।

TRF को आतंकवादी संगठन घोषित करना अमेरिका द्वारा आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई का स्पष्ट संकेत है। यह कदम न केवल भारत के लिए एक नैतिक और रणनीतिक समर्थन है, बल्कि भविष्य में ऐसे संगठनों और उनके समर्थकों पर वैश्विक अंकुश लगाने में भी कारगर साबित होगा।
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