उद्धव ठाकरे का बीजेपी पर बड़ा हमला: 'मुंबई का महत्व छीनने और भाषा थोपने की कोशिश बर्दाश्त नहीं'
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई से उद्योग और वित्तीय केंद्र बाहर ले जाकर शहर का महत्व कम किया जा रहा है। ठाकरे ने हिंदी थोपने की राजनीतिक कोशिश और विधानसभा परिसर में मारपीट की घटना पर भी सख्त प्रतिक्रिया दी। मुंबई और मराठी अस्मिता के सवाल पर उद्धव का कहना है कि कोई भी ताकत मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं कर सकती।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई से उद्योग और आर्थिक केंद्रों के बाहर जाने को लेकर बिना नाम लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी की वजह से मुंबई अपना महत्व धीरे-धीरे खो रही है और यह सब राज्य में "तीन भाषा नीति" को लेकर चल रहे विवाद के बीच सामने आया है।
मुंबई का उद्योग और अर्थव्यवस्था को लेकर सवाल
उद्धव ठाकरे ने कहा,
“हम ‘तोड़ने की भाषा’ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन मुंबई धीरे-धीरे अपना महत्व खो रही है। मुंबई के उद्योग और वित्तीय केंद्र गुजरात कौन ले गया? ये लोग। कोई भी मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं कर सकता। जो करेगा, हम उनके टुकड़े कर देंगे, मैं यह खुले तौर पर कहता हूं। लेकिन हम मुंबई के महत्व को कभी कम नहीं होने देंगे।”
इसके साथ ही उन्होंने मुंबई के हीरा बाजार और फिल्म इंडस्ट्री के स्थानांतरण का मुद्दा भी उठाया। ठाकरे के अनुसार,
“मुंबई भारत की वित्तीय राजधानी है। इसका महत्व कई लोगों की आंखों में खटकता है। फिल्म उद्योग को कहां शिफ्ट किया जा रहा था? क्या सच नहीं है कि हीरा बाजार छीना गया?”
हिंदी भाषा विवाद और मराठी अस्मिता
हाल ही में राज्य में हिंदी-तीन भाषा नीति पर विवाद गरमाया हुआ है। इस पर बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा,
“हम हिंदी का विरोध नहीं करते, मगर हम किसी भी भाषा की बाध्यता का समर्थन नहीं करेंगे। मराठी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में हिंदी थोपी जा रही है—इसकी मंजूरी नहीं देंगे। मैं अपनी भावनाओं पर कायम हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का यह निर्णय मराठी भाषा और विद्यार्थियों पर अतिरिक्त दबाव डालने जैसा है।
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विधान भवन परिसर में मारपीट पर दुःख
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने विधान भवन परिसर में बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी (शरद पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों में हुई मारपीट की घटना पर भी चिंता जताई। ठाकरे ने कहा,
“इस घटना ने महाराष्ट्र की छवि को धूमिल किया है। मैं यह नहीं कहूंगा कि ऐसी झड़पें महाराष्ट्र में यूपी-बिहार की संस्कृति ला रही हैं। उन राज्यों में भी अच्छे लोग हैं। हमें बुरे तत्वों के कारण पूरे राज्य को बदनाम नहीं करना चाहिए।”
उन्होंने सभी दलों से आग्रह किया कि विधानसभा की गरिमा बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए।
मुंबई का भविष्य और शिवसेना का संकल्प
उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया कि मुंबई महाराष्ट्र की पहचान है और कोई भी राजनीतिक ताकत इसे अलग नहीं कर सकती। उन्होंने चेताया कि मुंबई के आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व को किसी कीमत पर कम नहीं होने दिया जाएगा। मुंबई के लिए उन्होंने नई आर्थिक नीतियों, रोजगार के अवसरों और औद्योगिक विकास पर फिर से ध्यान केंद्रित करने की बात भी कही।
इस प्रकार, उद्धव ठाकरे ने मुंबई के औद्योगिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ भाषा नीति पर भी बीजेपी सरकार के रवैये की कड़ी आलोचना की। उन्होंने राज्य की जनता को विश्वास दिलाया कि मुंबई की छवि और महाराष्ट्र की अस्मिता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने दिया जाएगा।