पाकिस्तान के 80% सैन्य उपकरण चीन से: CDS जनरल अनिल चौहान का बड़ा बयान
सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग 2025 में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे लगभग 80 प्रतिशत सैन्य उपकरण चीन से प्राप्त हो रहे हैं, जो इस रणनीतिक गठबंधन की गहराई को दर्शाता है।

सिंगापुर – सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग 2025 में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान और चीन के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे लगभग 80 प्रतिशत सैन्य उपकरण चीन से प्राप्त हो रहे हैं, जो इस रणनीतिक गठबंधन की गहराई को दर्शाता है।
पाकिस्तान की सैन्य निर्भरता चीन पर
CDS जनरल चौहान ने स्पष्ट किया कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान की सैन्य निर्भरता चीन पर तेज़ी से बढ़ी है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली में 80 प्रतिशत से अधिक उपकरण अब चीन से आए हैं, जिससे साफ़ है कि दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी गहरी होती जा रही है।
CDS अनिल चौहान का बड़ा बयान!
"पाकिस्तान के 80% सैन्य उपकरण चीन से आते हैं"
शांगरी-ला डायलॉग 2025 में भारत ने चीन-पाक गठजोड़ पर उठाए सवाल।#CDSAnilChauhan #PakistanChina #IndiaDefence #ShangriLaDialogue2025 #BreakingNews #NewsTvIndia pic.twitter.com/ycpux1Xrne — News Tv India (@newstvindia24x7) June 1, 2025
शांगरी-ला डायलॉग: भारत की रणनीतिक चिंता
शांगरी-ला डायलॉग एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा पर आधारित एक प्रमुख वैश्विक मंच है, जहां प्रमुख राष्ट्रों के रक्षा विशेषज्ञ और नीति निर्माता जुटते हैं। जनरल चौहान ने इस मंच पर भारत की रणनीतिक चिंताओं को सामने रखते हुए कहा कि चीन-पाक गठजोड़ केवल दक्षिण एशिया के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी एक चुनौती है।
चीन-पाक गठबंधन: बढ़ता भू-राजनीतिक खतरा
भारत ने लंबे समय से चीन और पाकिस्तान के सैन्य गठबंधन पर कूटनीतिक सतर्कता बनाए रखी है। CDS चौहान के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि चीन की सैन्य तकनीक और हथियारों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान अपनी सैन्य ताकत को मज़बूत कर रहा है, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है।
भारत की वैश्विक भूमिका
भारत ने Indo-Pacific क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए लगातार रणनीतिक साझेदारियों को मज़बूत किया है। CDS चौहान का बयान इसी दिशा में एक संकेत है कि भारत अपने पड़ोस में हो रहे भू-राजनीतिक परिवर्तनों पर कड़ी निगरानी रखे हुए है और समय आने पर संतुलित प्रतिक्रिया देने को तैयार है।