दिल्ली के बस टर्मिनल और सरकारी इमारतों पर लगेगी कूल रूफ तकनीक, गर्मी से मिलेगी राहत
दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ती गर्मी को देखते हुए एक अहम फैसला लिया है। अब शहर के प्रमुख बस टर्मिनलों और सरकारी इमारतों पर Cool Roof Technology का उपयोग किया जाएगा।

नई दिल्ली – दिल्ली सरकार ने राजधानी में बढ़ती गर्मी को देखते हुए एक अहम फैसला लिया है। अब शहर के प्रमुख बस टर्मिनलों और सरकारी इमारतों पर Cool Roof Technology का उपयोग किया जाएगा। इसका मकसद गर्मियों में यात्रियों और कर्मचारियों को राहत पहुंचाना और ऊर्जा की खपत को कम करना है।
सरकार ने सबसे पहले विवेकानंद बस टर्मिनल, आनंद विहार बस टर्मिनल, कश्मीरी गेट स्थित महाराणा प्रताप बस टर्मिनल और दिल्ली सचिवालय में इस तकनीक को लागू करने का निर्णय लिया है।
क्या है कूल रूफ तकनीक और कैसे करती है काम?
कूल रूफ तकनीक ऐसी प्रणाली है जिसमें छतों को विशेष सामग्री से तैयार किया जाता है ताकि वे सूर्य की अधिकतर किरणों को परावर्तित कर सकें। इससे छतें सामान्य छतों की तुलना में कम गर्म होती हैं और अंदर का तापमान काफी कम रहता है।
इस तकनीक में अल्ट्रावॉयलेट (UV) किरणों को परावर्तित करने वाले स्पेशल मटेरियल का उपयोग किया जाता है, जो गर्मी को अवशोषित करने के बजाय वातावरण में वापस भेज देता है। इसके लिए फाइबरग्लास वेब से बने डामर शिंगल, मिट्टी की टाइलें, कंक्रीट टाइलें, धातु के शिंगल और पॉलिमर आधारित सामग्री का उपयोग किया जाता है।
कूल रूफ तकनीक के फायदे
- ऊर्जा की बचत: कम गर्मी के कारण एयर कंडीशनर की आवश्यकता घटती है, जिससे बिजली की खपत कम होती है।
- पर्यावरण के लिए लाभकारी: वातावरण में गर्मी कम फैलती है, जिससे शहरी हीट आइलैंड प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है।
- कम तापमान: इमारत के अंदर का तापमान स्वाभाविक रूप से ठंडा रहता है, जिससे गर्मी में भी ठंडक का अनुभव होता है।
- लंबी अवधि तक लाभ: कूल रूफ तकनीक से छतों की उम्र भी बढ़ती है, क्योंकि कम तापीय तनाव उन पर पड़ता है।
सरकारी भवनों और बस टर्मिनलों पर जल्द शुरू होगा कार्य
दिल्ली सरकार ने इन इमारतों पर जल्द से जल्द कूल रूफ लगाने का कार्य शुरू करने के आदेश दिए हैं। इसके जरिए यात्रियों और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक ठोस कदम उठाया गया है।