चीन ने भारत को दिया व्यापारिक सहयोग का प्रस्ताव, कहा - प्रीमियम भारतीय वस्तुओं का करेंगे स्वागत
अमेरिका द्वारा चीन के सामान पर भारी टैरिफ लगाने के बाद वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मच गई है। इस स्थिति में चीन अब भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है। व्यापारिक संतुलन बनाने की कोशिश में चीन ने भारत से व्यापार बढ़ाने और व्यापार घाटा कम करने की पेशकश की है।

नई दिल्ली : अमेरिका द्वारा चीन के सामान पर भारी टैरिफ लगाने के बाद वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मच गई है। इस स्थिति में चीन अब भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है। व्यापारिक संतुलन बनाने की कोशिश में चीन ने भारत से व्यापार बढ़ाने और व्यापार घाटा कम करने की पेशकश की है।
चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने पहली बार भारतीय मीडिया से खुलकर बातचीत करते हुए कहा कि चीन भारत से आने वाली प्रीमियम वस्तुओं का स्वागत करने और भारतीय कंपनियों को अपने विशाल उपभोक्ता बाजार में प्रवेश देने को तैयार है।
भारत-चीन व्यापार में नया मोड़: चीन ने दिखाया सहयोग का रुख
शू फेइहोंग ने कहा कि भारत और चीन के व्यापारिक संबंधों में ‘विन-विन’ स्थिति होनी चाहिए, जिससे दोनों देशों को लाभ पहुंचे। उन्होंने यह भी बताया कि 2024 में भारत से मिर्च, लौह अयस्क और कॉटन जैसे उत्पादों के निर्यात में तेज़ी आई है।
राजदूत ने कहा कि चीन में बड़ा मिडिल क्लास वर्ग है, जो प्रीमियम उत्पादों की मांग करता है। ऐसे में भारतीय कंपनियों को चाहिए कि वे इस मांग को समझें और इसका लाभ उठाएं। चीन भारत की कंपनियों का स्वागत करने को तैयार है।
शू फेइहोंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की भी सराहना की जिसमें कहा गया था कि प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि संवाद के ज़रिए भारत-चीन रिश्तों को मजबूती दी जा सकती है।
सीमा विवाद को लेकर भी रखी राय
राजदूत ने भारत-चीन सीमा विवाद पर भी स्पष्ट बात करते हुए कहा कि दोनों देशों को विश्वास बहाली के लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने बताया कि कोर कमांडर स्तर की बातचीत और मौजूदा समन्वय तंत्र के चलते स्थिति नियंत्रण में है, और अब जरूरत है भरोसे को और मजबूत करने की।
भारत से की अपील: चीनी कंपनियों को मिले समान अवसर
हालांकि व्यापारिक सहयोग की पेशकश करते हुए शू फेइहोंग ने यह भी कहा कि भारत को भी चीन की कंपनियों को निष्पक्ष और भेदभाव रहित माहौल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया में चीनी कंपनियों के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाया गया है, जिससे व्यापारिक रिश्तों पर असर पड़ता है।
भारत के लिए अवसर का समय
अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव के बाद चीन भारत के साथ व्यापार को नई ऊंचाई देना चाहता है। चीन का यह रुख भारत के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है। यदि भारत चीन में अपने उत्पादों का निर्यात बढ़ाए तो न केवल व्यापार घाटा कम हो सकता है, बल्कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी सीमा विवाद को भी सुलझाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है।