बार-बार सांस का फूलना हो सकता है गंभीर खतरे की निशानी जाने कारण और इसके बचाव के उपाय
अगर आप भी लगातार Breathing Problem से जूझ रहे हैं तो आपको इस अच्छे से समझना होगा। इससे जुड़े सभी कारण और उपाय आपको पता होने चाहिए। आपको अपने शरीर के प्रति सजग रहना चाहिए।
बार-बार सांस का फूलना हो सकता है गंभीर खतरे की निशानी जाने कारण और इसके बचाव के उपाय
अगर आप भी बार-बार सांस फूलने की समस्या से परेशान है तो आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए जहां इसकी एक तरफ कुछ साधारण कारण हो सकते हैं वहीं इसमें कुछ गंभीर कारण भी शामिल है इस समस्या से जुड़ी सभी जानकारी आपको डिटेल्स में इस आर्टिकल में बताते है और साथ ही इस से बचाव के उपाय भी बताएंगे।
सांस फूलने की समस्या
हमारी कई बार थोड़ी दौड़-भाग, सीढ़ियाँ चढ़ने या थकान की स्थिति में सांस फूलने लगती है यह नॉर्मल है। लेकिन यदि बिना किसी मेहनत के बार-बार सांस फूल रही हो तो यह शरीर के अंदर कुछ गहरी समस्या का संकेत हो सकता है। इसे हल्के में लेने के बजाय सही तरीके से समझना ज़रूरी है।
हृदय संबंधी समस्याओं से जुड़ा कारण
दिल की बीमारी या हृदय की धड़कन अनियमित होने पर फेफड़ों तक पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं होता। इसके कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती और व्यक्ति को हलचल के दौरान या कभी-कभी आराम की स्थिति में भी सांस फूलने लगती है।
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अस्थमा और एलर्जी संबंधी कारण
कई बार अस्थमा के वजह से Breathing Problem होती है इस में श्वास नलिकाएँ सिकुड़ जाती हैं और हवा का प्रवाह रुक-रुककर होता है। इसी कारण छोटा-सा काम करने के बाद भी रोगी को सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है। इस में एलर्जी, धूल, परागकण या ठंडी हवा भी इसमें ट्रिगर का काम करती हैं।
मोटापा और शारीरिक दिक्कत
कई बार अधिक वजन की वजह से शरीर को चलने-फिरने में ज्यादा ऊर्जा लगती है और फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यही कारण है कि मोटापे से ग्रस्त लोग थोड़ी सी मेहनत के बाद ही हांफने लगते हैं।
एनीमिया यानी खून की कमी
यदि खून में हीमोग्लोबिन की कमी होती है तो पूरे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। यही वजह है कि एनीमिक व्यक्ति को जल्दी सांस चढ़ना, चक्कर आना और थकान का अनुभव होता है।
तनाव और चिंता के कारण
कई बार हम बहुत ज्यादा तनाव ले लेते हैं। मानसिक दबाव, तनाव और Anxiety अटैक के समय व्यक्ति को लगता है कि वह गहरी सांस नहीं ले पा रहा। यह स्थिति शारीरिक बीमारी नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक कारणों से जुड़ी होती है।
वातावरण और प्रदूषण का असर
जिन लोगों को प्रदूषित हवा, धुआँ या रसायनों के संपर्क में रहना पड़ता है। उन्हें फेफड़ों में संक्रमण और सांस से जुड़ी तकलीफ़ें हो सकती हैं। यह खासकर शहरों में रहने वाले लोगों के साथ आम है।
सांस फूलने में तुरंत अपनाए
अगर आपकी सांस फूलती है तो यहां पर कुछ उपाय बताया जा रहे हैं जो आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं।
• इसके लिए आप ताज़ी हवा में धीरे-धीरे गहरी सांस लें।
• आप इस के लिए आरामदायक स्थिति में बैठ जाएँ और कंधों को ढीला छोड़ दें।
• आप नियमित व्यायाम, योग और प्राणायाम करें।
• संतुलित आहार लें जिसमें हरी सब्जियां, फल और आयरन युक्त भोजन शामिल हो।
• धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
डॉक्टर से संपर्क
यदि आराम की स्थिति में भी बार-बार सांस फूल रही हो, सीने में दर्द महसूस हो, पैरों में सूजन आए, रात में नींद टूटकर सांस लेने में दिक्कत हो तो ये हृदय या फेफड़ों की गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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