राजस्थान में बजरी माफिया का कहर: डंपर से कुचले गए कांस्टेबल सुनील खिलेरी की मौत, सरपंच पति समेत चार गिरफ्तार
राजस्थान के जोधपुर जिले में अवैध बजरी खनन का खौफनाक चेहरा सामने आया है। लूणी थाना क्षेत्र के खेजड़ली गांव में डंपर से कुचलकर घायल हुए कांस्टेबल सुनील खिलेरी ने मंगलवार देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया।

जोधपुर (राजस्थान) – राजस्थान के जोधपुर जिले में अवैध बजरी खनन का खौफनाक चेहरा सामने आया है। लूणी थाना क्षेत्र के खेजड़ली गांव में डंपर से कुचलकर घायल हुए कांस्टेबल सुनील खिलेरी ने मंगलवार देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस मामले में सरपंच पति सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मुख्य आरोपी डंपर चालक अब भी फरार है।
कैसे हुआ हादसा: डंपर की चपेट में आए कांस्टेबल सुनील खिलेरी
पुलिस के अनुसार, रविवार सुबह 8 बजे अवैध बजरी से भरे डंपर का पीछा करते हुए लूणी थाना की चेतक टीम खेजड़ली गांव पहुंची। डंपर चालक वहां एक कच्चे रास्ते पर रुककर बजरी खाली कर रहा था। इसी दौरान कांस्टेबल सुनील खिलेरी डंपर को पकड़ने पहुंचे, तभी चालक ने जानबूझकर उन्हें कट मारी, जिससे वे नीचे गिर पड़े और डंपर उनके ऊपर से गुजर गया।
तीन दिन तक चला इलाज, फिर नहीं बच सके सुनील
घायल हालत में कांस्टेबल को जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनके पेट और पैरों की आपात सर्जरी की गई। डॉक्टरों ने तीन दिन तक जीवन रक्षक प्रयास किए, लेकिन मंगलवार देर रात उनकी मौत हो गई। वे लोहावट क्षेत्र के निवासी थे।
चार गिरफ्तार, लेकिन चालक अब भी फरार
घटना के बाद पुलिस ने सरपंच पति हापूराम बिश्नोई, रविंद्र गोदारा, सागर सैन और महेंद्र डूडी को गिरफ्तार कर लिया है। डंपर चालक राणाराम बिश्नोई के खिलाफ लूणी थाना में हत्या का केस दर्ज किया गया है, लेकिन वह अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
अब हत्या का मुकदमा दर्ज होगा
पहले मामला जानलेवा हमले का दर्ज किया गया था, लेकिन अब कांस्टेबल की मौत के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) जोड़ी जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही फरार चालक को भी पकड़ लिया जाएगा।
राज्य भर में आक्रोश, बजरी माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
यह घटना राजस्थान में बजरी माफिया के बढ़ते प्रभाव और पुलिस की चुनौतियों को उजागर करती है। सोशल मीडिया पर लोग पुलिसकर्मी के बलिदान को सलाम करते हुए दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। यह मामला अब राज्य स्तर पर बहस का विषय बन चुका है।