छठ पूजा में डूबते सूर्य को अर्घ्य, रामनगरी अयोध्या के गुप्तार घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। रामनगरी अयोध्या के गुप्तार घाट पर हजारों श्रद्धालु एकत्र हुए और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी श्रद्धा प्रकट की। घाट पर दूर-दूर से आईं महिलाओं ने पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान छठी मैया के गीतों की गूंज और ढोल-नगाड़ों की थाप से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

अयोध्या : लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। रामनगरी अयोध्या के गुप्तार घाट पर हजारों श्रद्धालु एकत्र हुए और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी श्रद्धा प्रकट की। घाट पर दूर-दूर से आईं महिलाओं ने पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान छठी मैया के गीतों की गूंज और ढोल-नगाड़ों की थाप से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
हजारों श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
गुप्तार घाट पर छठ पूजा के इस पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। महिलाएं पारंपरिक परिधान में सज-धज कर आईं और अपने परिजनों के साथ भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की। घाटों पर हर तरफ छठी मैया के गीत गूंज रहे थे, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि और मंगल की कामना की।
व्रती महिलाओं की आस्था
छठ पूजा का यह पर्व मुख्यतः सूर्य उपासना का पर्व है, जिसमें व्रती महिलाएं बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं। सूर्यास्त के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है, जिसमें पानी में खड़े होकर महिलाएं सूर्य देवता को जल अर्पित करती हैं। इस अर्घ्य के दौरान महिलाएं अपने परिवार के सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करती हैं। इस वर्ष भी अयोध्या के गुप्तार घाट पर व्रती महिलाओं की आस्था देखने लायक थी।
छठ पूजा की विशेषता
छठ पूजा की खास बात यह है कि इसमें किसी भी मूर्ति पूजा की आवश्यकता नहीं होती है। यह पर्व पूरी तरह से सूर्य देवता और प्रकृति की उपासना पर आधारित है। छठ पूजा का आरंभ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होता है और इसका समापन सप्तमी को उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है। इस पर्व को लेकर अयोध्या के गुप्तार घाट पर हर साल श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने घाट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इसके अलावा, घाटों पर सफाई और अन्य सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया था।
छठ पूजा का यह महापर्व न सिर्फ आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर का भी परिचायक है। अयोध्या के गुप्तार घाट पर इस पर्व का आयोजन बहुत ही श्रद्धा और उल्लास के साथ किया गया।