म्यांमार में शक्तिशाली भूकंप: इमारतें ध्वस्त, जानमाल का भारी नुकसान और थाईलैंड में भी महसूस हुए झटके
म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण तकरीबन 144 लोगों की मौत हुई है, और 700 से अधिक लोग घायल हो गए, मृतकों और घायलों के इस आंकड़े की पुष्टि अधिकारियों ने की है. आशंका जताई जा रही है कि यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है.

म्यांमार में शुक्रवार, 28 मार्च 2025 को दोपहर 12:50 बजे एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई. रिपोर्ट्स की माने तो भूकंप का केंद्र सागाइंग शहर से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में, सतह से मात्र 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था, जिससे इसका प्रभाव अत्यधिक विनाशकारी रहा.
विनाशकारी प्रभाव और क्षति
भूकंप के तीव्र झटकों से म्यांमार में कई बहुमंजिला इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं. सड़कों में दरारें आ गईं, और पुलों को भी नुकसान पहुंचा. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राजधानी नेपीडॉ और यांगून में भी व्यापक क्षति हुई है. TOI में प्रकाशित खबर के अनुसार, म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण तकरीबन 144 लोगों की मौत हुई है, और 700 से अधिक लोग घायल हो गए, मृतकों और घायलों के इस आंकड़े की पुष्टि अधिकारियों ने की है. आशंका जताई जा रही है कि यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है.
थाईलैंड और अन्य पड़ोसी देशों में प्रभाव
भूकंप के झटके म्यांमार के पड़ोसी देशों, विशेषकर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए. बैंकॉक में ऊंची इमारतें हिलने लगीं, जिससे लोग घबराकर सड़कों पर निकल आए. सोशल मीडिया पर इस भूकंप के कई वीडियोज़ शेयर किये जा रहे हैं. वहीँ एक वीडियो में एक बहुमंजिला इमारत को गिरते हुए देखा जा सकता है.
New visuals emerging from Myanmar show scenes of devastation. pic.twitter.com/M34bQVo1yR https://t.co/VLgVnJxMLo — Sidhant Sibal (@sidhant) March 28, 2025
भारत में भी महसूस हुए झटके
म्यांमार से सटे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, जैसे मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. हालांकि, इन क्षेत्रों से किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है.
भूकंप के बाद की स्थिति और राहत कार्य
भूकंप के बाद, म्यांमार सरकार ने आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया है. बचाव दल प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं, और मलबे में फंसे लोगों को निकालने का कार्य जारी है. अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित की गई है, और रक्तदान के लिए लोगों से अपील की जा रही है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी सहायता की उम्मीद की जा रही है.
म्यांमार में भूकंप की पृष्ठभूमि
म्यांमार, जिसे बर्मा के नाम से भी जाना जाता है, भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है. यह देश भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के संगम पर स्थित होने के कारण अक्सर भूकंपों का सामना करता है. हाल के वर्षों में, म्यांमार में कई बड़े भूकंप आए हैं, जिन्होंने जनजीवन पर गहरा प्रभाव डाला है.
आइये एक नज़र डालते हैं पिछले कुछ सालों में म्यांमार में आये भूकंपों पर:
11 नवंबर 2012 का भूकंप:
11 नवंबर 2012 को, म्यांमार के मध्य क्षेत्र में 6.8 की तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र मांडले शहर के निकट था, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. इस भूकंप में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए. श्वेबो में एक निर्माणाधीन पुल के धराशायी होने से मजदूर नदी में गिर गए और लापता हो गए. मांडले में लोग भूकंप के झटके महसूस करते ही घबराकर सड़कों पर आ गए. भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 7:42 बजे आया.
24 अगस्त 2016 का भूकंप:
24 अगस्त 2016 को, म्यांमार के मध्यवर्ती इलाकों में 6.8 की तीव्रता का भूकंप आया. इस भूकंप के झटके थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक और बांग्लादेश की राजधानी ढाका तक महसूस किए गए. भूकंप के कारण तीन लोगों की मौत हुई और दर्जनों इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, जिनमें प्राचीन शहर बागान के कई प्रसिद्ध मंदिर भी शामिल हैं. भारत के कोलकाता, पटना और गुवाहाटी शहरों में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए.
23 जनवरी 2025 का भूकंप:
23 जनवरी 2025 को, म्यांमार में आधी रात को 4.8 की तीव्रता का भूकंप आया. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र 106 किलोमीटर की गहराई में स्थित था. हालांकि, इस भूकंप में किसी के हानि या संपत्ति के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं आई है. भूकंप के झटकों से लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए.
म्यांमार में आया यह भूकंप हाल के वर्षों में सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक है. इसके प्रभाव न केवल म्यांमार में, बल्कि पड़ोसी देशों में भी महसूस किए गए हैं. राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, और उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति पर काबू पाया जा सकेगा. इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के प्रति संवेदनाएं और प्रार्थनाएं.