कर्णपुर में लूटपाट और जान से मारने की धमकी, एफआईआर के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
कर्णपुर पंचायत में एक चौंकाने वाली आपराधिक घटना ने गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। दिल्ली से गांव लौटे अरविंद कुमार झा के घर पर लूटपाट की गई और परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ित द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बावजूद, अब तक किसी भी आरोपी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

सुपौल, बिहार — जिले के कर्णपुर पंचायत में एक चौंकाने वाली आपराधिक घटना ने गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। दिल्ली से गांव लौटे अरविंद कुमार झा के घर पर लूटपाट की गई और परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ित द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बावजूद, अब तक किसी भी आरोपी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
घर में घुसकर दी धमकी, सोना लूटा गया
10 मार्च को अरविंद कुमार झा, पिता स्व. जवाहर झा, दिल्ली के सुल्तानपुर से अपने गांव कर्णपुर लौटे थे। 12 मार्च की रात लगभग 11:30 बजे छह लोग धारदार हथियारों से लैस होकर उनके घर आ धमके।
पीड़ित के अनुसार, तीन आरोपी जबरन घर में घुस गए, जिसे देखकर उनकी माता ने शोर मचाया। हंगामा होते ही हमलावर भाग खड़े हुए। लेकिन कुछ ही देर बाद सौरव झा और प्रशांत झा नामक दो व्यक्ति बंदूक लेकर उनके घर पहुंचे और धमकी दी कि अगर परिवार के लोग जल्द दिल्ली नहीं लौटे तो उन्हें गोली मार दी जाएगी।
हमलावरों ने पीड़ित की माता के हाथ से सोने का कंगन और भांजी के हाथ से अंगूठी बंदूक की नोक पर लूट ली।
अगले दिन फिर दी गई धमकी, एक घायल
घटना के अगले दिन, जब अरविंद कुमार झा अपने जीजा के बड़े भाई आनंद पाठक के साथ गांव में थे, तो पवन झा के घर के सामने उन्हें दोबारा धमकाया गया।
आरोप है कि हथियार से लैस राजीव झा ने आनंद पाठक को पकड़कर उनकी कनपटी पर बंदूक तानी और थ्री-नॉट-थ्री की बट से आंख के पास वार किया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि वे दोबारा गांव में दिखाई दिए तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा।
एफआईआर के बाद भी प्रशासन की चुप्पी
पीड़ित अरविंद कुमार झा ने स्थानीय थाने में लिखित आवेदन देकर पूरे मामले की जानकारी दी और न्याय की गुहार लगाई है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
गांव में दहशत, दोषियों पर कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद पूरे गांव में भय और तनाव का माहौल है। ग्रामीणों की मांग है कि आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और गांव में फिर से शांति स्थापित हो।