अयोध्या में सुहागिन महिलाओं ने बड़े धूमधाम से मनाया करवा चौथ
करवा चौथ का पर्व राम नगरी अयोध्या में भी बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस विशेष दिन पर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए नीर-जल व्रत रखा। करवा चौथ का यह पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे खासतौर पर विवाहित महिलाएं बड़े उत्साह और भक्ति भाव से मनाती हैं।

अयोध्या: करवा चौथ का पर्व राम नगरी अयोध्या में भी बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस विशेष दिन पर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना करते हुए नीर-जल व्रत रखा। करवा चौथ का यह पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे खासतौर पर विवाहित महिलाएं बड़े उत्साह और भक्ति भाव से मनाती हैं।
करवा चौथ का धार्मिक महत्व
करवा चौथ के पर्व का धार्मिक महत्व बहुत बड़ा है। मान्यता है कि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। प्रातः काल महिलाएं सरगी खाकर व्रत की शुरुआत करती हैं और फिर पूरे दिन बिना पानी के उपवास करती हैं। यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है, जिसे विशेष रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और उनकी रक्षा के लिए करती हैं।
अयोध्या में करवा चौथ का उत्सव
राम नगरी अयोध्या में भी इस पर्व का आयोजन बेहद उत्साह और श्रद्धा के साथ किया गया। अयोध्या के विभिन्न मंदिरों में सुहागिन महिलाओं ने कथा सुनी और विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। महिलाओं ने माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर अपने पति के सुख, समृद्धि और दीर्घायु की प्रार्थना की। पूजा के बाद, चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने व्रत का समापन किया गया।
आधुनिकता और परंपरा का संगम
अयोध्या की महिलाएं, चाहे ग्रामीण हों या शहरी, सभी ने इस पर्व को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ आधुनिक अंदाज में भी मनाया। रंग-बिरंगे परिधानों में सजी धजी महिलाएं एक दूसरे को बधाई देते हुए अपने परिवार की खुशी और समृद्धि की कामना करती नजर आईं।
इस तरह करवा चौथ के इस पावन पर्व ने अयोध्या में महिलाओं के बीच उत्साह और भक्ति का माहौल बनाया, जिससे परिवारों में खुशहाली और समृद्धि की भावना और भी प्रबल हो गई।