महाराष्ट्र चुनाव: शिवसेना नेता अरविंद सावंत के बयान पर शाइना एनसी का कड़ा जवाब, कहा- "मैं महिला हूं, माल नहीं"
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, और अब इसमें केवल 20 दिन का समय शेष है। जैसे-जैसे चुनावी गर्मी बढ़ रही है, राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान भी विवादित होते जा रहे हैं। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत का एक ऐसा ही बयान अब चर्चा का विषय बन गया है। अरविंद सावंत ने मुंबा देवी विधानसभा सीट से एकनाथ शिंदे की शिवसेना उम्मीदवार शाइना एनसी के खिलाफ बयान दिया है, जिससे बवाल खड़ा हो गया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, और अब इसमें केवल 20 दिन का समय शेष है। जैसे-जैसे चुनावी गर्मी बढ़ रही है, राजनीतिक दलों के नेताओं के बयान भी विवादित होते जा रहे हैं। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत का एक ऐसा ही बयान अब चर्चा का विषय बन गया है। अरविंद सावंत ने मुंबा देवी विधानसभा सीट से एकनाथ शिंदे की शिवसेना उम्मीदवार शाइना एनसी के खिलाफ बयान दिया है, जिससे बवाल खड़ा हो गया है।
अरविंद सावंत ने शाइना एनसी को 'इंपोर्टेड माल' कहा है, जिससे महिला उम्मीदवार शाइना एनसी की ओर से नाराजगी जाहिर की गई है। शाइना एनसी ने अरविंद सावंत के इस बयान को अपमानजनक बताया है। उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं महिला हूं, माल नहीं।” शाइना एनसी का कहना है कि उनके अपमान पर उद्धव ठाकरे, शरद पवार और नाना पटोले जैसे नेताओं की चुप्पी क्यों है।
महिला उम्मीदवार शाइना एनसी का जवाब
शाइना एनसी ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बयान न सिर्फ उनके लिए बल्कि सभी महिलाओं के लिए अपमानजनक है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "2014 और 2019 में जब मैं इनके लिए प्रचार करती थी, तब मैं इनकी लाडली बहन थी, लेकिन आज जब मैं विपक्ष के खेमे से चुनाव लड़ रही हूं, तो मैं 'इंपोर्टेड माल' कैसे हो गई?" शाइना का यह सवाल उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
विवाद बढ़ने के साथ नेताओं पर बढ़ रहा दबाव
इस विवाद के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। महिला अधिकार संगठनों ने भी इस बयान की निंदा की है और नेताओं से जवाबदेही की मांग की है। महाराष्ट्र चुनाव में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कार्यरत कई समूहों ने भी इस मुद्दे पर शिवसेना उद्धव गुट के नेताओं से स्पष्टिकरण की मांग की है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद पर उद्धव ठाकरे और अन्य बड़े नेता क्या रुख अपनाते हैं।